Anxiety Meaning in HINDI (98% लोग सही नहीं जानते) March 2024

Anxiety Meaning in HINDI
Anxiety Meaning in HINDI

नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपका जानकारी अब हिंदी में’ के एक और आर्टिकल में. आज हम बात करेंगे चिंता (Anxiety Meaning in HINDI) के बारे में.

छोटों को पढ़ाई की चिंता, बड़ो को चिंता, बूढ़ों को रहने-खाने की चिंता

चिंता, चिंता, चिंता… आज कल बच्चो से लेकर बड़े किसको चिंता नहीं है?

कभी कभी लोग चिंता की वजह से आत्महत्या भी कर लेते हैं. क्या यह सही है?

Let’s know Anxiety meaning in Hindi with Example

Anxiety Meaning in HINDI
Anxiety Meaning in HINDI

Meaning of anxiety in Hindi: चिंता का अर्थ इंग्लिश में होता है Anxiety (एंग्जायटी)

एंजायटी क्या है? (What is Anxiety Definition)

चिंता के कई अर्थ होते हैं, जैसे व्याकुलता, सोच, उत्कंठा, फ़िक्र, व्यग्रता.

अगर आपको कल ऑफिस जल्दी पहुंचना है, उसकी चिंता। काम बढ़ गया है उसकी चिंता। पैसे नहीं हैं उसकी चिंता. कल सुबह क्या नाश्ता बनाये, खाने में  क्या बनायें उसकी चिंता. अगर हमारा कोई परिजन बहार है उनकी चिंता, बच्चो की चिंता, कोई बीमार है उसकी चिंता…..

क्या आप चिंतित है? जानिए अपनी चिंताओं से कैसे मुक्ति पाए हिंदी में.

चिंता मुक्त होने का सबसे अच्छा उपाय है, चिंता छोडो चिंतन शुरू करो.

Define: Anxiety Meaning in Hindi & different languages

Anxiety Meaning in Hindi Marathiचिंता
Anxiety Meaning in EnglishA feeling of worry, Nervousness, depression
Anxiety Meaning in Tamil பதட்டம்
Anxiety Meaning in MARATHIचिंता
Anxiety Meaning in TELUGUఆందోళన
Anxiety Meaning in Malayalamഉത്കണ്ഠ
Anxiety Meaning in Kannadaಆತಂಕ
Anxiety Meaning in Punjabi (पंजाबी)ਚਿੰਤਾ
Anxiety Meaning in GUJARATI (गुजराती)ચિંતા
Anxiety Meaning in Bengali (बंगाली)উদ্বেগ
Anxiety Meaning in URDU (उर्दू)اضطراب

हम चिंतित क्यों होते है? (Anxiety Meaning in Hindi)

कारण 1. कोई समस्या की वजह से

चिंतित मानवी (Concerned human)
चिंतित मानवी (Concerned human)

अगर आपके जीवन में कोई समस्या है तो चिंता करने से अच्छा है आप चिंतन करो. समस्या को समझो और सोचो की उसका क्या उपाय निकल सकता है और इम्प्लीमेंट करो. जो हमारे पास नहीं है उसका रोना रोने से अच्छा है लेकिन जो है उसके बारे में सोचे.

Example 1: आपके पास पैसे नहीं है? घर बेचने की नौबत आ गई है? आपके बैठे बैठे चिंता करने से कुछ हासिल नहीं हो सकता, अंदर से सकारात्मक बनो. बीच जायेगा तो ठीक है, दूसरा छोटा ले लेंगे। फिर हमें सोचना है की हमें कैसे वापस पटरी पे आना है.

एक बात याद रखे, की शांत मगज किये बिना आप कुछ सोच नहीं सकते. समस्या का समाधान बहोत छोटा होता है लेकिन हम चिंता करते रहते है इस लिए हमें वह दिखाई नहीं देता है.

Example 2: आप की रिलेशनशिप में प्रॉब्लम होना. झगड़े बहुत होते है? सोचिये क्यों होते हैं? आप सोचते हो दोनों में अंडरस्टैंडिंग होनी चाहिए, आप सोचते हो की आप तो समझते हो लेकिन सामने वाला इंसान समझता नहीं है. प्रॉब्लम वही पर है.

हमेशा दुसरो के बदलने का सोचने से पहले खुद को बदलना सीखो. समस्या की जड़ तक जाओ, कही न कही आप का थोड़ा बदलने से समस्या का समाधान हो सकता होगा. सोचो, समाधान निकालो, और इम्प्लीमेंट करो.

झगड़ा से चिंता (Quarrel anxiety)
झगड़ा से चिंता (Quarrel anxiety)

हम हमेशा यही सोचते हैं की इस इंसान को ऐसा होना चाहिए, उस इंसान को वैसा होना चाहिए, लेकिन एक इंसान सभी को तो बदल नहीं सकता है. तो फिर खुद को ही बदल डालो बात ख़तम.

इस प्रॉब्लम का उपाय यही है की

हमेशा हर किसी से आशा रखना छोड़ दो, सकारात्मक बनो, और खुश रहो.

कारण 2. हमारे किसी अतीत की वजह से

किसी अपने का आज साथ ना होना. कोई भी अतीत आप के आज पर भारी नहीं हो सकता है. जहाँ पर एक्शन काम नहीं आता वह पर हमारी सोच काम आ सकती है. यह तो हर कोई जनता है की हर किसी को एक दिन जाना ही है, किसी को आज तो किसी को कल. तो अगर आपका कोई स्वजन अगर मृत्यु को प्राप्त होता है तो स्वीकार कीजिये.

यह मत सोचिये की वह आपके साथ नहीं है, उनकी यादें तो है. हर किसी के जीवन में ऐसा व्यक्ति मिलना बहुत ही मुश्किल है, लेकिन आपको मिला. आपके पास उनकी मीठी यादें हैं. बस उसी को याद कर कर खुश रहिये क्योकि एक दिन मृत्यु को तो हमें भी प्राप्त होना ही है.

How to overcome anxiety in Hindi (चिंता को दूर कैसे करें)

1. अपनी समस्या से न डरे सकारात्मक बने और समस्या का स्वीकार करे.

2. अपनी समस्याओ को ज्यादा गंभीरता से न ले.

3. ‘मुझे ही समझना है’ बस

4. हररोज योग और ध्यान करें.

योग की आदत (Yoga habit)
योग की आदत (Yoga habit)

हमें मन से स्वस्थ और चिंता मुक्त रहने के लिए तन से भी स्वस्थ रहना आवश्यक है. यदि हम रोज योग करते हैं तो हमारे शरीर में नयी ऊर्जा और नयी स्फूर्ति आती है. और अगर आप योग करते हो तो आपको बीमारी छू नहीं पायेगी, और अगर बीमारी आ गयी तो आप जल्द से जल्द स्वस्थ हो जायेंगे. इसलिए हमें तन और मन दोनों की स्फूर्ति के लिए योग की आदत बना लेनी चाहिए.

5. हर रोज अपने परिवार के साथ कुछ समय व्यतीत करें.

अगर हमें चिंता मुक्त रहना है तो हर रोज अपने परिवार के साथ बैठकर थोड़ी बातचीत करनी चाहिए. क्या पता हमारी चिंता का समाधान हमारे घर में से ही मिल जाये. कभी कभी हम अगर किसी को मात्र हमारी चिंता कह देने से भी आधी हो जाती है. अगर परिवार में एकता नहीं है तो भी  साथ बैठकर बात करने से समस्या का हल निकल सकता है.

6. ईश्वर पर भरोसा रखें (Anxiety Meaning in hindi)

ईश्वर पर भरोसा रखें (Trust god) Anxiety Meaning in HINDI BLOG
ईश्वर पर भरोसा रखें (Trust god)

अगर आप आस्तिक हैं तो चिंता मुक्त होने का यह सबसे अच्छा और असरदार उपाय है. ईश्वर पर भरोषा रखें. यदि भगवन ने हमें जन्म दिया है तो हमारा पालन पोषण करना भी उन्ही का काम हैं जो हाथी को मन और चींटी को कण देते हैं. भगवान कृष्णा ने अर्जुन से गीता में  कहा है, कर्म किये जा फल  की इच्छा मत कर.

वैसे ही हमें बस सिर्फ सोचना है और काम करते रहना है. बाकी सब चिंता भगवान् पर छोड़ देनी चाहिए. ईश्वर पर भरोसा रखिये, वो किसी का बुरा नहीं चाहते हैं. जो करते हैं वो हमारे अच्छे के लिए ही करते हैं. तो सब ईश्वर पर छोड़ दे और चिंता मुक्त रहें और खुश रहें.

दोस्तों, मुझे आशा हे की Anxiety Meaning in HINDI | चिंता मुक्त कैसे रहे? आपको पता चल गया होगा |

Anxiety meaning in Hindi with sentences: The children feel fear at the stage of annual funtion of school while singing a song.

यहाँ आने के लिए धन्यवाद…

एंग्जाइटी के लक्षण क्या है? – एंग्जाइटी के लक्षण और उपाय

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Anxiety Meaning in HINDI

FAQ on Anxiety Meaning in HINDI

एंग्जायटी कब तक ठीक होता है?

ऐसे तो किसी भी Anxiety के मरीज को ठीक होने का कोई फिक्स टाइम नहीं है क्यूंकि वो पूरी तरह से इस बात पे निर्भर है कि मरीज को कितने लेवल की एंग्जायटी हे.
किसी को Anxiety यह कई दिनों, कई महीनों और कई साल के बाद में भी ठीक हो सकती है.

एंग्जायटी में क्या खाना चाहिए?

ऐसे तो एंग्जायटी क मरीज को कोई ऐसा फिक्स नही हे की ये खाना चाहिए या ये नहीं कहना चाहिए. पर अगर व्यक्ति के अंदर ज्यादा मात्रा में चिंता है तो उसे बहुत सी बीमारियां हो सकती हे इसी लिए चिंतित व्यक्ति को हमेशा पानी खूब मात्रा में पीना चाहिए और हरी सब्जियां खानी चाहिए और हर सीजन के फ्रूट्स को खाना चाहिए.

सब्जियों में जिसमें फाइबर की मात्रा ज्यादा हो ऐसी सब्जी खानी चाहिए और बहार का तेल वाला खाना कम करना चाहिए जिससे की एन्सीएटी कम हो जाये

एंजायटी क्यों होती है?

मनुष्य के जीवन में एन्सीएटी होने के बहुत से कारण हो सकते हे जेसे की व्यक्ति को अपनी इच्छाओं की पूर्ति न होने के कारण और नौकरी और करियर सम्बंधित चीजों के कारण व्यक्ति को मन में डर लगता है अगर ये नहीं होगा तो मेरा आगे फ्यूचर में क्या होगा और फिर ऐसी ही बहुत सारी चिंता बढ़ जाती हे तो व्यक्ति को हार्ट जैसी गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है

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